रहीम के लोकप्रिय दोहे [Rahim Ke Popular Dohe-2020]
Rahim Ke Popular Dohe हिंदी में अर्थ सहित व्यक्त किया गया है। रहीम का पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था। इनका जन्म 1556 में लाहौर (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता बैरम खाँ मुगल सम्राट अकबर के संरक्षक थे। किन्हीं कारणोंवश अकबर बैरम खाँ से रुष्ट हो गया था और उसने बैरम खा पर विद्रोह का आरोप लगाकर हज करने के मक्का भेज दिया। मार्ग में उसके शत्रु मुबारक खाँ ने उसकी हत्या कर दी। बैरम खाँ की हत्या के पश्चात् अकबर ने रहीम और उनकी माता को अपने पास बुला लिया और रहीम की शिक्षा की समुचित व्यवस्था की।
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रहिमन राज सराहिए, ससि सम सुखद जो होय |
कहा बापुरो भानु है, तपै तरैयन खोज ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि उसी राजा का राज श्रेष्ठ होता है जहां चन्द्रमा की शीतल चांदनी के समान सरी प्रजा में सभी जगह सुख और आनंद छाया रहता है | रहीम सूर्य का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि सूर्य के उदित होते ही तारों का प्रकाश नष्ट हो जाता है और वे टिमटिमाना बंद कर देते हैं | जबकि चन्द्रमा के उदय होने पर वे फिर से टिमटिमाने लगते हैं |
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रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय |
भीति आप पै डारि कै, सबै पियावै तोय ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि व्यक्ति के हृदय में परोपकारिता की भावना अवश्य होनी चाहिये चाहे इसके लिये उसे कुछ कष्ट क्यों न भोगना पड़े | उदाहरणार्थ -मटका और रस्सी टूटने – फूटने अथवा घिसने की परवाह किए बिना ही कुएं से पानी निकालकर सबकी प्यास बुझाती है |
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कहा करौं बैकुंठ लै, कल्प वृक्ष की छाह |
रहिमन दाख सुहावनो, गल पीतम की बांह ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि यदि ईश्वर की अनुकम्पा हो जाए, तो फिर स्वर्ग पाकर अथवा कल्पवृक्ष की छांह में बैठकर क्या करुंगा | उस समय तो मुझे मुनक्का जैसा छोटा पदार्थ भी अच्छा ही लगेगा | सत्यादि प्रेमी को प्रियतमा का असीम प्यार मिल जाए, तो प्रियतमा की बाहों में ही स्वर्गसुख की अनुभूति होती है |
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कहु रहीम कैसे बनै, अनहोनी ह्वै जाय |
मिला रहै औ न मिलै, तासों कहा बसाय ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि दुष्ट व्यक्ति संकस के समय कभी साथ नहीं निभाते | अत: उन पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिये | जो व्यक्ति मिला भी रहे और न भी मिला रहे उसके साथ तब तक कैसे निर्वाह हो सकता है जब तक कोई अनहोनी न हो जाए |
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करत निपुनई गुन बिना रहिमन निपुन हजूर |
मानहु टेरत बिटप चढ़ि, मोहि समान को कूर ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि यदि कोई गुणहीन नौकर अपने बुद्धिमान, चतुराई और गुणवान स्वामी के समक्ष अपने गुणों का बखान बढ़ -चढ़ कर करे, तो यह मान लेना चाहिये कि वह किसी वृक्ष पर चढ़कर अपनी मूर्खता को ही सिद्ध कर रहा है |
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खीरा को सिर काटिकै, मलियत लौन लगाय |
रहिमन करुवे मुखन की, चाहिये यही सजाय ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि हमेशा मधुर बोलना चाहिये | जैसे खीर के कड़वेपन को दूर करने के लिये उसका ऊपरी भाग काटकर उस पर नमक मला जाता है उसी प्रकार सजा कड़वा बोलने वाले को ही मिलनी चाहिये |
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यो रहीम सुख – दुःख सहत, बड़े लोग सह सांति |
उवत चंद जेहिं भांति सो, अथवत ताहि भांति ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि सुख – दुख तो आते जाते रहते हैं लेकिन जो मनुष्य इस अवस्था सम की भांति रहते हैं, वे महान होते हैं | जैसे चन्द्रमा उगते व अस्त होते समय एक जैसा रहता है, वैसे ही वे लोग सुख – दुख में एक समान रहते हैं |
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कौन बड़ाई जलधि मिलि, गंग नाम भो धीम |
केहि की प्रभुता नहिं घटी, पर – घर गये रहीम ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि जब तक गंगा नदी पृथक बहती है तब तक लोग उसके पावन जल को ग्रहण कर अपने को कृतार्थ समझते हैं | उनका सम्मान करते हैं | परन्तु जब यही गंगा समुद्र में जाकर मिल जाती है, तो उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है | इसी प्रकार सभ्य व्यक्ति भी यदि किसी दूसरे के घर थोड़ा दिन रहता है, तो आदर पाता है और अधिक दिन तक रहने से उसका अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है |
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काह कामरी पामरी, जाड़ गाये से काज।
रहिमन भूख बुझाइए, कैस्यो मिलै अनाज।।
व्याख्या:- रहीम कहते हैं कि समय पर कोई भी कार्य जिस तरह पर किया जाये श्रेष्ठ है। करणकुछ भी हो , कार्य के महत्वा पर ध्यान देना चाहिए। जिस प्रकार भूख शांत करने के लिए टोटी छाए किसी भी आनाज से बानी हो रोटी खाने से ही शांति मिलती है। इसी तरह जेड में ठंढ लगने पर कम्बल ओढों अथवा रेशमी वस्र। उदेश्यतो ठंढ से बचना होता है।
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गरज आपनी आपसों, रहिमन कहीं न जाय।
जैसे कुल कि कुलवधू , पर घर जात लजाय।।
व्याख्या:- रहिमकहते हैं कि जो संस्कारी एवं लज्जालु व्यक्ति होते हैं उन्हें कोई भी बात दोस्तों से करने में लज्जा है। जिस प्रकार किसी अच्छे घराने की स्त्री को किसी भी काम के लिए दूसरों के घर जाने मि लज्जा महसूस करती है।
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घर डर गुरू डर बंस डर, डर लज्जा डर मान।
दर जेहि के जिह में बसै, तिन पाया रहिमान।।
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि जिस व्यक्ति को अपने घर, गुरूवंश, लज्जा, मान – सम्मान का भय रहता है अर्थात जिसके हृदय में भय हाता है, वही व्यक्ति परमात्मा को प्राप्त कर पाता है।
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चिंता बुद्धि परखिए , टोटे परख त्रियाहि।
सगे कबुला परखिए, ठाकुर गुनी किआहि।।
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि बुद्धि की वास्तविक परीक्षा मुसीबत के समय ही होती है। इसी तरह स्री की परीक्षा तब होती है जब मनुष्य निर्धन हो जाता है तथा सादे समन्धियों कुटुम्ब कबीले एवं मालिक की परक्षा की तभी होती है जब व्यक्ति के बुरे दिन आ जाते हैं। अर्थात सभी लोगों की परख बुरे वक्त में ही की जा सकती है।
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दीरघ दोहा अरथ के , आखर थोरे आहिं।
ज्यों रहीम नट कुण्डली , सिमिटि कूदि चढ़ि जाहिं।।
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि किसी को छोटा समझना ठीक नहीं है। किसी की छोटी छोटी वस्तु का प्रभवा काम ही होया जरूरी नहीं है। कई बार छोटी सी वस्तु भी अपने आप में बड़े प्रभाव को समेटे होती है। जैसे – तमाशा, दिखाने वाला भी अपने शरीर को सिकोड़कर ऊँची छलांग लगाकर सुरक्षा पूर्वक नीचे आ जाता है।
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सबै कहावै लसकरी, सब लसकर कहं जाय |
रहिमन सेल्ह जोई सहै, सो जागीरै खाय ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि युद्ध में जाने वाले सभी सैनिक कहलाते हैं लेकिन पराक्रमी उनमें से कुछ ही होते हैं | वास्तव में महारथी कहलाने का अधिकार उसे ही है, जो युद्ध में वीरता दिखाकर भालों के वार को सहन करते हुए विजय प्राप्त करता है | वही राजा के द्वारा पुरस्कृत भी होता है और राजा की तरफ से पुरस्कार के रूप में दी हुई जागीर का उपभोग करता है |
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जो रहीम करिबो हुतो, ब्रज को इहै हवाल |
तो काहे कर पर धरयौ, गोवर्धन गोपाल ||
व्याख्या :- ब्रज छोड़कर जब श्रीकृष्ण मथुरा चले गये, तो गोपियां उनसे बिछड़कर पीड़ित रहने लगी | इस दोहे में रहीम गोपियों द्वारा श्रीकृष्ण को दिये उपालंभ का वर्णन है | गोपियां श्रीकृष्ण से कहती हैं कि गोपाल ? यदि तुम्हें हम ब्रज वासिनियों को अपने विरहग्नि में जलाकर इसी प्रकार दुःख देना था, तो तुमने हमें भयंकर बारिश से बचाने के लिये गोवर्धन को क्यों धारण किया था |
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रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि |
जहां काम आवै सुई, कहा करै तरवारि ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि बड़े लोगों से दोस्ती होने पर छोटे लोगों को अपमानित नहीं करना चाहिये ; क्योंकि छोटों का अपना महत्व है | जैसे कांटा चुभ जाने पर सुई ही काम आती है, वहां पर तलवार कोई काम नहीं आती | इसी प्रकार छोटे लोगों की आवश्यकता कब पड़ जाये | कुछ कहा नहीं जा सकता |
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मानसरोवर ही मिलैं, हंस मुक्त भोग |
सफरिन भरे रहीम सर, बक बालक नहीं जोग ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि जो लोग महान लोगों के संग रहते हैं उन्हें सदैव सुख ही सुख प्राप्त होता है | जिस प्रकार हंस मानसरोवर में रहकर मोतियों को प्राप्त कर लेता है | इसके विपरीत बगुले के बच्चे छोटे – छोटे तालाबों के इधर – उधर मंडराते रहते हैं | फलस्वरूप उन्हें छोटे जीव अथवा मछलियाँ आदि ही खाने को मिलती है, मोती नहीं |
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जो रहीम गति बड़ेन की, ज्यों तुरंग व्यवहार |
दाग दिवावत आपु तन, सही होत असवार ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि जो लोग सज्जन होते हैं वे अपना अहित करके भी सदैव दूसरों के हित के बारे में ही सोचते हैं | उनका स्वभाव सैनिकों के उन घोड़ों की भांति होता है, जो अपने असवार ( सैनिकों ) के लिये अपने शरीर पर लोहे की गरम शलाका से भी दाग लगवा लेते हैं | ताकि उन्हें लेकर उनके सैनिकों में कोई झगड़ा न उत्पन्न हो |
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पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन |
अब दादुर वक्त भए, हमको पूछत कौन ||
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि जब वर्षा ऋतु आ जाती है तब नदी – तालाबों में पानी भर जाने के कारण चारों तरफ मेंढ़कों की टर्राहट की ही आवाज सुनाई देने लगती है | ऐसे समय में कोयल अपना विपरीत समय जानकर मौन हो जाती है | वह समझ जाती है कि मेंढकों के टर्राहट में उसके कुहूकने को कोई नहीं सुनेगा |
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पसरि पत्र झंपहि पितहिं, सकुचि देत ससि सीत |
कछु रहीम कुल कमल के, को बेरी को मीत ||
रहीम कहते हैं कि कमल सूर्य के प्रकाश को पाकर अपनी पंखुड़ियों को फैला लेता है ताकि उसके पिता जल सूर्य की तप किरणों से बच सके लेकिन जब चंद्रोदय होता है तब वह अपने पंखुड़ियों को सिकोड़ लेता है ताकि उसके पिता को शीतलता प्राप्त हो सके | परन्तु ऐसा करते समय जहां एक ओर सूर्य जल को सुखा देता है, वहीं कमल को विकसित कर देता है और जहां चंद्रमा जल को शीतलता देता है, वहीं कमल को मुरझा देता है | अत: समझ में ही नहीं आता है कि कमल के कुल की कौन शत्रु है और कौन मित्र ?
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दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि यह रहीम के लोकप्रिय दोहे [हिंदी अर्थ सहित]आपको पसंद आया होगा। हम कोशिस किये हैं कि इसकी व्याख्या सरल भाषा में अनुवाद करने का ताकि छोटे से छोटे बच्चे आसानी से समझ पाए। अगर आपको थोड़ा सा भी पसंद आया होगा तो इसे sosial मिडिया में sher करना न भूलें। और अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर click करें।
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